दूसरा विवाह योग: ज्योतिष से कैसे जानें?
भारतीय संस्कृति में विवाह को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। लेकिन हर रिश्ते की तरह वैवाहिक संबंधों में […]
भारतीय संस्कृति में विवाह को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। लेकिन हर रिश्ते की तरह वैवाहिक संबंधों में […]
विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का भी संगम होता है। हर व्यक्ति के
आज के समय में तलाक और वैवाहिक कलह एक आम समस्या बनती जा रही है। जहाँ विवाह को भारतीय संस्कृति
भारतीय समाज में विवाह को सिर्फ दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का मिलन माना जाता
हिंदू वैदिक ज्योतिष में कुंडली के बारह भाव होते हैं और प्रत्येक भाव जीवन के किसी विशेष क्षेत्र का प्रतिनिधित्व
शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं होती, बल्कि दो आत्माओं, दो संस्कृतियों और दो कुलों का मिलन होती है।**
हममें से कई लोग इस सवाल से जूझते हैं — “मेरी कुंडली में तो विवाह का योग है, फिर शादी
क्या आपकी कुंडली में विवाह का योग है, फिर भी रिश्ता नहीं बन रहा? या बार-बार रिश्ते टूट रहे हैं?