सप्तम भाव से विवाह का विश्लेषण | 7th House in Astrology and Marriage

भारतीय वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) में सप्तम भाव (7th House) को विवाह, पार्टनरशिप और लाइफ पार्टनर का घर माना गया है। यह भाव केवल विवाह (Marriage) ही नहीं बल्कि बिज़नेस पार्टनरशिप, रिलेशनशिप्स और लाइफ के कॉन्ट्रैक्ट्स को भी दर्शाता है। किसी भी जातक के कुंडली (Kundali / Horoscope) में सप्तम भाव का अध्ययन करने से वैवाहिक जीवन की क्वालिटी, जीवनसाथी का स्वभाव और विवाह का समय समझा जा सकता है।

👉 सप्तम भाव का स्वामी (7th Lord), उसमें बैठा ग्रह और उस पर दृष्टि डालने वाले ग्रह – ये सभी कारक मिलकर विवाह का सही चित्र प्रदान करते हैं।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि सप्तम भाव में अलगअलग ग्रहों (Sun, Moon, Mars, Mercury, Jupiter, Venus, Saturn, Rahu, Ketu) के होने से वैवाहिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

BOOK YOUR SLOT NOW

CONTACT FOR KUNDALI CONSULTATION

🌞 सप्तम भाव में सूर्य (Sun in 7th House)

सूर्य जब सप्तम भाव में बैठता है तो जातक का विवाह अक्सर थोड़ी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से होकर गुजरता है।

  • सूर्य यहां अहं (ego) और अधिकार (authority) लाता है।
  • लाइफ पार्टनर का स्वभाव डॉमिनेटिंग या गुस्सैल हो सकता है।
  • शादी के शुरुआती सालों में अहं का टकराव हो सकता है।
  • विदेश में शादी या अंतरजातीय विवाह की संभावना बढ़ जाती है।
  • अगर सूर्य शुभ दृष्टि में हो तो पार्टनर सम्मानित परिवार से आता है।

🌙 सप्तम भाव में चंद्र (Moon in 7th House)

चंद्रमा सप्तम भाव में विवाह को भावनात्मक और संवेदनशील बना देता है।

BOOK YOUR SLOT NOW

CONTACT FOR KUNDALI CONSULTATION

  • पार्टनर का स्वभाव कोमल और भावुक होता है।
  • जातक को जीवनसाथी से मानसिक संतोष मिलता है।
  • विवाह जल्दी होने की संभावना रहती है।
  • यदि चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो तो पार्टनर का मूड बार-बार बदल सकता है।

♂️ सप्तम भाव में मंगल (Mars in 7th House) – कुज दोष (Manglik Dosha)

मंगल सप्तम भाव में होने पर इसे कुज दोष या मंगलिक दोष माना जाता है।

  • पार्टनर के साथ झगड़े, गुस्सा और आक्रामकता बढ़ सकती है।
  • विवाह में देरी या विवाद हो सकते हैं।
  • अगर मंगल शुभ ग्रहों के साथ है तो पति/पत्नी साहसी, मजबूत और प्रैक्टिकल हो सकता है।
  • मंगल यहां वैवाहिक जीवन में ऊर्जा और पैशन भी लाता है।

🌱 सप्तम भाव में बुध (Mercury in 7th House)

बुध यहां विवाह में संवाद (communication) और मित्रता (friendship) बढ़ाता है।

BOOK YOUR SLOT NOW

CONTACT FOR KUNDALI CONSULTATION

  • पार्टनर युवा, बुद्धिमान और ह्यूमरस हो सकता है।
  • जातक को ऐसे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है जो दोस्त जैसा होता है।
  • विवाह अक्सर पढ़ाई या काम के दौरान मिलने वाले साथी से होता है।
  • नकारात्मक स्थिति में – पार्टनर चंचल या अस्थिर हो सकता है।

🌟 सप्तम भाव में बृहस्पति (Jupiter in 7th House)

बृहस्पति यहां सबसे शुभ ग्रह माना जाता है।

  • विवाह सौभाग्यशाली, धार्मिक और नैतिक मूल्यों पर आधारित होता है।
  • पत्नी या पति बुद्धिमान, संस्कारी और सहयोगी होते हैं।
  • विवाह से धन और भाग्य में वृद्धि होती है।
  • बृहस्पति कन्या या मकर राशि में हो तो वैवाहिक जीवन में कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं।

💖 सप्तम भाव में शुक्र (Venus in 7th House)

शुक्र स्वयं विवाह का कारक ग्रह है।

BOOK YOUR SLOT NOW

CONTACT FOR KUNDALI CONSULTATION

  • जातक को सुंदर, आकर्षक और कला-प्रिय जीवनसाथी मिलता है।
  • प्रेम विवाह (Love Marriage) की संभावना बहुत अधिक होती है।
  • शादीशुदा जीवन में रोमांस और सुख मिलता है।
  • लेकिन यदि शुक्र अशुभ स्थिति में हो तो विवाहेतर संबंधों की संभावना रहती है।

सप्तम भाव में शनि (Saturn in 7th House)

शनि विवाह में देरी और परीक्षाएं लाता है।

  • विवाह देर से होता है, लेकिन जीवनसाथी स्थिर और जिम्मेदार होता है।
  • रिश्ते में भावनात्मक ठंडापन हो सकता है।
  • जीवनसाथी उम्र में बड़ा हो सकता है।
  • यदि शनि शुभ दृष्टि में है तो वैवाहिक जीवन लंबे समय तक स्थिर रहता है।

🌀 सप्तम भाव में राहु (Rahu in 7th House)

राहु विवाह में असामान्यता और रहस्य लाता है।

BOOK YOUR SLOT NOW

CONTACT FOR KUNDALI CONSULTATION

  • अंतरजातीय, विदेशी या असामान्य प्रकार का विवाह हो सकता है।
  • पार्टनर के साथ शुरू में आकर्षण बहुत अधिक रहता है, लेकिन बाद में भ्रम या धोखे की संभावना।
  • अगर राहु शुभ ग्रहों से प्रभावित है तो विवाह से बड़ा लाभ या अचानक प्रगति हो सकती है।

🔥 सप्तम भाव में केतु (Ketu in 7th House)

केतु वैवाहिक जीवन में दूरी और आध्यात्मिकता लाता है।

  • पार्टनर से भावनात्मक दूरी हो सकती है।
  • शादी के बाद वैवाहिक जीवन में असंतोष या अकेलापन महसूस हो सकता है।
  • लेकिन अगर कुंडली में मजबूत शुक्र और बृहस्पति हों तो केतु आध्यात्मिक और कर्मिक विवाह का संकेत देता है।

ज्योतिष में सप्तम भाव का महत्व बहुत गहरा है। विवाह सुखद होगा या चुनौतीपूर्ण – यह केवल ग्रहों पर ही नहीं बल्कि सप्तम भाव के स्वामी, नवांश कुंडली (D9 chart), ग्रहों की दृष्टि और दशा पर भी निर्भर करता है।

👉 यदि आपकी कुंडली में सप्तम भाव प्रभावित हो रहा है, तो सही उपाय (जप, दान, रत्न धारण, पूजा) करके विवाह और वैवाहिक जीवन को सुखद बनाया जा सकता है।

BOOK YOUR SLOT NOW

CONTACT FOR KUNDALI CONSULTATION

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *